शेखावाटी की महिलाओं में शिक्षा के प्रति जज्बा और जागृति किस कदर है, इसका नजारा सीकर में देखने को मिला। दरअसल, सात फेरे लेकर विदाई की बेला के बाद सोलह श्रृंगार किए एक दुल्हन ससुराल के आंगन की बजाय परीक्षा केन्द्र इम्तिहान देने जा पहुंची।
सीकर की रहने वाली सुनीता का विवाह मोल्यासी गांव के सुभाष के साथ बीती रात को ही सम्पन्न हुआ। शनिवार को सुनीता को खुशी- खुशी परिजनों ने ससुराल के लिए विदा किया। लेकिन, जैसे ही सुनीता ससुराल के लिए जाने लगी, तब अपने पति सुभाष को उसकी आज स्नातक की परीक्षा के बारे में बताया और इच्छा जाहिर की कि वह इम्तिहान देना चाहती है। इस पर दूल्हे सुभाष ने अपनी दुल्हनिया सुनीता की इच्छा को पूरा करने के लिए अपने घर ले जाने की बजाय सीधे उसे सीकर के भारतीय कॉलेज लेकर पहुंच गए, जहां सुनीता की परीक्षा थी।
फूलमालाओं से सजी कार से दुल्हन की वेशभूषा में बनीठणी सुनीता को परीक्षा केन्द्र के बाहर देखने वालों का मजमा लग गया। सुनीता को दुल्हन के वेश में देखकर अध्यापक भी हैरान थे। लेकिन, साथ ही खुश भी थे कि शिक्षा के प्रति क्या शानदार जज्बा है। इस दौरान सुनीत ने बताया कि करियर भी जीवन में खासा महत्व रखता है। रस्मो-रिवाज अदा करने के बाद वह परीक्षा देने आई है। अब ससुराल जाकर और रस्में अदा कर लेंगी।
जब तक दुल्हनिया सुनीता परीक्षा देती रही दुल्हा सुभाष बाहर फूलों से सजी कार में बैठे इंतजार करते रहे। सुनीता परीक्षा देकर वापस लौटी, तो सुभाष और उसके साथियों ने पेपर के बारे में पूछा। सुभाष ने बताया कि परीक्षा देने की इच्छा जाहिर की थी, तो पूरा करना उसका परम धर्म था।
दुल्हन की इस जज्बे को देखकर भारतीय कॉलेज के अध्यापकों ने भी भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा कि इससे औरों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।
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