- लगभग 1930 के आसपास बनी कनोडिया स्कूल एक कनोडिया नाम के सेठ के कारण संचालित होती थी, उस समय यह स्कूल पांचवी क्लास तक थी। आसपास के गांवो में यह एकमात्र स्कूल था, जिसके कारण यंहा आसपास के गाँवो से बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते थे। जब भारत 1947 में आजाद हुआ तो भारतीय संविधान के तहत ये स्कूल सरकारी विद्यालय घोषित कर दिया गया। यह स्कुल आज ठाकुरजी के मंदिर की जो दुखाने है वहाँ हुआ करती थी। बाद में आज जो गांव में सरकारी स्कुल है यंहा स्थांतरित हो गयी लेकिन आज आप जो सरकारी स्कुल देख रहे हो,वो नहीं, उसके पीछे दो तीन कमरे थे या वो गिर गए है।
- राजपूत सिहोट छोटी से आये हुए है।
- जांगिड़ सिहोट छोटी से आये हुए है।
- गढ़वाल त्रिलोकपुरा से आये हुए है।
- महला परेवड़ी से आये हुए है।